Wednesday, 4 December 2019

●गांवों की शामलात की ज़मीन बेचने के फैसले का कड़ी निंदा

नौजवान भारत सभा के पंजाब राज्य के नेता छिन्दरपाल व मानवजोत ने प्रेस बयान जारी करते हुए पंजाब की कांग्रेस सरकार द्वारा गांवों की शामलात की ज़मीन को निजी उद्योगपतियों को देने वाले ताज़ा निर्णय की कड़ी निंदा करते हुए, पंजाब की कांग्रेस हकूमत के इस निर्णय को जनविरोधी व तानशाही घोषित किया है।उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार का यह निर्णय गांवो की ज़मीन को पूंजीपतियों को कौड़ियों के भाव बेचने की चाल है। उन्होंने कहा कि पंजाब की ग्रामीण आबादी के विकास को केंद्र व राज्य सरकार द्वारा लगातार नजरअंदाज किया जाता रहा है। पंजाब के ग्रामीण क्षेत्र में पीने योग्य पानी, गन्दे पानी की निकासी,  पक्की गलियों का निर्माण व मुरम्मत व स्वास्थ्य जैसी सुविधाएं और अन्य बुनियादी सुविधाओं और उनकी आधारभूत संरचना की बेहद कमी है और सभी सरकारें इसके लिए बजट उपलब्ध करवाने में नाकामयाब रही हैं और इसलिए गांव की शामलात की ज़मीन ही गांवों की आय का एकमात्र स्त्रोत है,जिनके माध्यम से गांवों की दयनीय स्थिति में कोई सुधार की उम्मीद की जा सकती है। चाहे इसमें ग्रामीण धनाढ्यों द्वारा किये जाने वाले भ्रष्टाचार से इंकार नहीं किया जा सकता। परंतु पूरे देश की तरह पंजाब के शासक भी पूंजीपतियों की चाकरी करते हुए  गांवों के इन एकमात्र आय के स्त्रोत को झपटना चाहते हैं। नौजवान भारत सभा यह स्पष्ट मानती है कि इस निर्णय का पंजाब की ग्रामीण आबादी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इससे पहले भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के अनुसार गांव की भूमि जब्त करने के लिए ग्राम सभा के 80 प्रतिशत सदस्यों की सहमति जरूरी थी,पर इस निर्णय के अनुसार पंचायत के द्वारा प्रस्ताव पारित करने से ही शामलात की भूमि उद्योगपतियों के पास चली जाएगी। इस निर्णय से पहले शामलात की भूमि बेची नहीं जा सकती थी, सिर्फ उपयोग हेतु(लीज़) दी जा सकती थी लेकिन अब राज्य सरकार भूमि बेचने का प्रावधान भी ले आई है। नौभास के नेताओं ने बयान जारी करते हुए कहा कि इस निर्णय की गाज ग्रामीण आबादी पर गिरेगी। जिसमें से ज्यादातर पहले ही दयनीय स्थिति में जीवन बसर कर रही है। नेताओं ने पंजाब की कांग्रेस सरकार के इस निर्णय को तानाशाही फरमान व जनविरोधी घोषित करते हुए इस निर्णय को तुरंत वापिस लेने की मांग की है।

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