Monday, 9 December 2019

15 दिसम्बर से ऐसीपी(पश्चिमी लुधियाना) दफ्तर के सामने अनिश्चितकालीन धरने की घोषणा।

हम्बड़ाँ(लुधियाना, पंजाब) कत्ल व दमन काण्ड के खिलाफ़ संघर्ष तीखा करते हुए अनेकों जनवादी जनसंगठनों द्वारा गठित संघर्ष कमेटी द्वारा 15 दिसम्बर से एसीपी (लुधियाना पच्छिमी) समीर वर्मा के सराभा नगर स्थित कार्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन का ऐलान किया गया है। इस एक सप्ताह के दौरान अनिश्चितकालीन धरने की तैयारी के तौर पर चलाई जाने वाली मुहिम के अंग के तौर पर संघर्ष कमेटी ने एक पर्चा भी बड़े स्तर पर बाँटने का फैसला किया है। विभिन्न जगहों पर बस्तियों, गाँवों में इस पुलिस अफसरों व लुधियाना पुलिस प्रशासन के खिलाफ़ अर्थी फूँक प्रदर्शन भी किए जाएँगे, मीटिंगें, नुक्कड़ सभाएँ की जाएँगी। उच्च अधिकारियों को प्रतिनिधि मण्डल भी मिलेंगे।

हँबड़ाँ में एक ठेकेदार द्वारा पलाईवुड कारखाने में काम करने वाले 15 वर्षीय नाबालिग मज़दूर (लवकुश) को पीट-पीट कर मार दिया था। पुलिस द्वारा संघर्षशील संगठनों की जायज माँगे मानने की जगह जनवादी जनसंगठनों के 10 नेताओं-कार्यकर्ताओं को ही झूठा केस डाल कर जेल में बन्द कर दिया है। इनमें से कई नेता तो बजुर्ग हैं। इसके खिलाफ़ बनी हम्बड़ाँ कत्ल काण्ड दमन विरोधी संघर्ष कमेटी के सामने एसीपी समीर वर्मा ने 21 नवम्बर को हम्बड़ाँ में पुलिस चौंकी पर हुई जोरदार प्रदर्शन के दौरान जेल में बन्द सभी नेताओं-कार्यकर्ताओं को जलद रिहा करने की बात मानी थी। 26 नवम्बर को भी इस अफसर के कार्यालय पर हुए प्रदर्शन के दौरान भी इस अफसर ने वायदा दोहराया था और एक हफते का समय माँगा था। पुलिस की अब तक की जाँच में जेल में बन्द नेता बेगुनाह पाए गए हैं। लेकिन इस अफसर द्वारा रिहाई सम्बन्धी कार्रवाई को जल्द पूरा करने का वायदा निभाया नहीं गया बल्कि रिहाई की कार्रवाई को लटकाया जा रहा है। संघर्ष कमेटी का कहना है कि अब उसके पास सड़कों पर उतरने के सिवा और कोई राह नहीं बचा है। 

जन संघर्ष के दबाव में पुलिस ने कातिल रघबीर पासवान को गिरफतार कर लिया है। संघर्ष कमेटी की यह भी माँग है कि उसे सख्त से सख्त सजा दी जाए, पीड़ित परिवार को जलद मुआवजा मिले, कारखानों व अन्य काम की जगहों पर बाल मज़दूरी पर रोक लगे, मज़दूरों की सुरक्षा की गारण्टी की जाए, एकजुट आवाज उठाने का जनवादी अधिकार बहाल हो।

संघर्ष कमेटी में टेक्सटाईल हौज़री कामगार यूनियन, एटक, भारतीय किसान यूनियन (एकता-डकौंदा), भारतीय किसान यूनियन (एकता-उगराहां), कुल हिन्द किसान सभा, मोल्डर एण्ड स्टील वर्कर्ज यूनियन, पेंडू मज़दूर यूनियन (मशाल), किरती किसान यूनियन, मोल्डर एण्ड स्टील वर्कर्ज यूनियन, सीटू, कारखाना मज़दूर यूनियन, नौजवान भारत सभा, सीटीयू, उसारी मज़दूर यूनियन, इंकलाबी नौजवान छात्र मंच, लोक एकता संगठन, रेड़ीफड़ी यूनियन, इंकलाबी मज़दूर केन्द्र, पंजाब निर्माण मज़दूर यूनियन, कामागाटामारू यादगारी कमेटी, इंकलाबी केन्द्र पंजाब, इंकलाबी लोक मोर्चा, डेमोक्रेटिक मुलाजम फ्रण्ट, डीटीएफ, लाल झण्डा भट्ठा मज़दूर यूनियन, व अन्य अनेकों संगठन शामिल हैं। आने वाले दिनों में अन्य अनेक संगठनों के भी संघर्ष कमेटी में शामिल होने की अपील है।

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